पीएम केयर्स फंड की क़ानूनी वैधता : इलाहबाद हाईकोर्ट ने समीक्षा याचिका पर केंद्र सरकार और NDMA को जारी किया नोटिस

पीएम केयर्स फंड की क़ानूनी वैधता : इलाहबाद हाईकोर्ट ने समीक्षा याचिका पर केंद्र सरकार और NDMA को जारी किया नोटिस

  • Hindi
  • May 21, 2023
  • No Comment
  • 1112

इलाहबाद हाईकोर्ट ने पीएम केयर फंड की क़ानूनी वैधता से जुड़े मामले में दायर एक समीक्षा याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को नोटिस जारी किया है।

चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी कर केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) से जवाब माँगा है। पीठ इस मामले की सुनवाई जुलाई के अंतिम सप्ताह में करेगी।

याचिकाकर्ता ने साल 2020 में इसी मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था। जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपील को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करने को कहा था।

इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष प्रस्तुति में कहा है कि बिना क़ानून पारित किये पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी और इसे सुचना के अधिकार के दायरे से बाहर रखा गया था। याचिकाकर्ता का तर्क था कि पीएम केयर्स फंड एनडीएमए को कमज़ोर करता है।

याचिका में आरोप है कि पीएम केयर्स फंड में विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों व विभागों की ओर से नियमित आधार पर बिना कर के योगदान किया जाता है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा एनडीआरएफ के बजाए ग़ैर वैधानिक पीएम केयर्स फंड के लिए योगदान मांगना और उसे बढ़ावा देना उचित नहीं है।

Related post

Allahabad High Court News: “Court Is Against Illegal Relations Not Live-in Relationships 

Allahabad High Court News: “Court Is…

Allahabad High Court News: “Court Is…
UP Legal News: There Is No Live-in Relationship In Islam, Provision of Punishment Under Quran: Allahabad High Court 

UP Legal News: There Is No…

There Is No Live-in Relationship In…
“इस्लाम लिव इन रिलेशन को व्यभिचार के रूप में करता है परिभाषित” इलाहबाद हाई कोर्ट ने अंतर धार्मिक जोड़े को संरक्षण देने से किया इंकार

“इस्लाम लिव इन रिलेशन को व्यभिचार…

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *